एक मजेदार किस्सा
मेरी पोस्टिंग पहली बार छत्तीसगढ़ के शहर में हुई तब मुझे यहाँ की भाषा बिलकुल नहीं आती थी एक मजेदार किस्सा याद आ रहा है हमने वाइट वाश के लिए मजदूर बुलवाया उसने आ कर पुछा का ला का ला पोतने है मैंने बोला की अरे काला नहीं सफ़ेद पोतना है वो हैरानी से मुझे देखने लगा और फिर दोहराया की का ला का ला पोतने है मैंने उसको गुस्से में कहा की बोला न सफ़ेद पोतना है तभी मेरा चोकीदार जो सब सुन रहा था ने आ कर कहा की साहब ये पूछ रहा है की का ला मतलब कहाँ कहाँ पोतना है सुनते ही हंसी के मारे बुरा हाल हो गया इस तरह भाषा बदलने से मजेदार किस्से ने जनम लिया
मेरी पोस्टिंग पहली बार छत्तीसगढ़ के शहर में हुई तब मुझे यहाँ की भाषा बिलकुल नहीं आती थी एक मजेदार किस्सा याद आ रहा है हमने वाइट वाश के लिए मजदूर बुलवाया उसने आ कर पुछा का ला का ला पोतने है मैंने बोला की अरे काला नहीं सफ़ेद पोतना है वो हैरानी से मुझे देखने लगा और फिर दोहराया की का ला का ला पोतने है मैंने उसको गुस्से में कहा की बोला न सफ़ेद पोतना है तभी मेरा चोकीदार जो सब सुन रहा था ने आ कर कहा की साहब ये पूछ रहा है की का ला मतलब कहाँ कहाँ पोतना है सुनते ही हंसी के मारे बुरा हाल हो गया इस तरह भाषा बदलने से मजेदार किस्से ने जनम लिया
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