मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

इसी तरह छोटी बहन की इच्छा गणित ले कर पढने की थी परन्तु मम्मी की इच्छा थी वो डॉक्टर बने बहन और मम्मी में रोज बहस होती थी परन्तु पापा ने मम्मी को समझाया और बहन को उसका मनपसन्द विषय लेने को कहा और वो इंजीनियरिंग कॉलेज में पढने लगी पढने के बाद उसके सारे दोस्त कही न कही जॉब करने लगे परन्तु बहन की इच्छा आई इ एस देने की थी उसने पापा को बोला की वो कम से कम एक बार अच्छे से पढ़ कर परीक्षा देना चाहती है पापा ने उसका साथ दिया और उसको घर रह कर पढने को बोला इस पर कई लोग फिर ताना देने से बाज नहीं आये की इंजीनियर बन कर भी बेकार बैठी है पापा ने उस समय भी बहन का साथ दिया और सबका मुंह बंद कर दिया बहन की मेहनत रंग लाई और वह भी आई इ एस में चयनित हो कर टेलीफोन विभाग में अधिकारी बन गयी ,बड़ी बहन भी अपनी इच्छा अनुसार जॉब कर रही है अब ये हाल है की सारे रिश्तेदार पापा मम्मी से कहते थे की आशीर्वाद दीजिये की हमारी लड़कियां भी आपकी बेटियों की तरह बने 

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