आज प्लेन का टिकेट बुक करवाते हुए एक पुरानी बात फिर याद आ गयी मेरे भाई बहन साइंस और गणित विषय लिए थे में अकेली आर्ट्स ले कर पढ़ रही थी और क्लास में तीनो भाई बहन पहला रैंक लाते थे में अकेली थी जो क्लास में रैंक नहीं ला पाती थी बस १ श्रेणी ही मिलने पर खुश हो जाती थी ,इसलिए फ्यूचर के बारे में बहुत बड़ा प्लान नहीं बनाया था पर एक दिन पापा के विश्वास ने मेरी दुनिया ही बदल दी हुआ ये की मम्मी न्यूज़ पेपर पढ़ कर आह भर रही थी की कुछ लोग कितने अमीर और खुश किस्मत होते है की प्लेन में घूम सकते है एक हम है की प्लेन देखा भी नहीं मेने मम्मी के हाथ से पेपर ले कर कहा की मम्मी मै तुमको प्लेन में घुमा दूँगी सुनते ही भाई जोर से हंसा हा हा तुम क्या घुमाओगी सुनत ेही मै चुप हो गयी पर पापा ने तुरंत बोला की क्यं नहीं घुमा सकती जरूर घुमाएगी वो बड़ी ऑफिसर बनेगी और जरूर मम्मी को प्लेन मै ले जाएगी ये सुन कर मैने तुरंत ये पक्का वादा स्वयं से किया की मुझे अब बहुत मेहनत करनी है और पापा का विश्वास सच करना है और मैने उस दिन से ही कोशिश शुरू की और एक दिन जज के रूप मै चयनित हो गयी रायपुर से एक दिन मैने पापा और मम्मी की प्लेन की टिकेट चंडीगढ़ के लिए बुक करवा दी और उस दिन पापा को फ़ोन किया की आप दोनों जबलपुर से रायपुर आ जाओ मुझे अपना वादा पूरा करना है और मम्मी को प्लेन से भेजना है ,पापा बहुत खुश हुए और जा कर सारे रिश्ते दारों को बता आये की हमारी बेटी हमको प्लेन से भेज रही है पापा मम्मी के प्लेन मै जाने के बाद बहुत देर तक उस प्लेन को देखती खड़ी रही और पापा की बात कान मे गूंजती रही की ये बड़ी ऑफिसर बनेगी और जरूर मम्मी को प्लेन मे घुमाएगी
बुधवार, 17 अप्रैल 2013
आज प्लेन का टिकेट बुक करवाते हुए एक पुरानी बात फिर याद आ गयी मेरे भाई बहन साइंस और गणित विषय लिए थे में अकेली आर्ट्स ले कर पढ़ रही थी और क्लास में तीनो भाई बहन पहला रैंक लाते थे में अकेली थी जो क्लास में रैंक नहीं ला पाती थी बस १ श्रेणी ही मिलने पर खुश हो जाती थी ,इसलिए फ्यूचर के बारे में बहुत बड़ा प्लान नहीं बनाया था पर एक दिन पापा के विश्वास ने मेरी दुनिया ही बदल दी हुआ ये की मम्मी न्यूज़ पेपर पढ़ कर आह भर रही थी की कुछ लोग कितने अमीर और खुश किस्मत होते है की प्लेन में घूम सकते है एक हम है की प्लेन देखा भी नहीं मेने मम्मी के हाथ से पेपर ले कर कहा की मम्मी मै तुमको प्लेन में घुमा दूँगी सुनते ही भाई जोर से हंसा हा हा तुम क्या घुमाओगी सुनत ेही मै चुप हो गयी पर पापा ने तुरंत बोला की क्यं नहीं घुमा सकती जरूर घुमाएगी वो बड़ी ऑफिसर बनेगी और जरूर मम्मी को प्लेन मै ले जाएगी ये सुन कर मैने तुरंत ये पक्का वादा स्वयं से किया की मुझे अब बहुत मेहनत करनी है और पापा का विश्वास सच करना है और मैने उस दिन से ही कोशिश शुरू की और एक दिन जज के रूप मै चयनित हो गयी रायपुर से एक दिन मैने पापा और मम्मी की प्लेन की टिकेट चंडीगढ़ के लिए बुक करवा दी और उस दिन पापा को फ़ोन किया की आप दोनों जबलपुर से रायपुर आ जाओ मुझे अपना वादा पूरा करना है और मम्मी को प्लेन से भेजना है ,पापा बहुत खुश हुए और जा कर सारे रिश्ते दारों को बता आये की हमारी बेटी हमको प्लेन से भेज रही है पापा मम्मी के प्लेन मै जाने के बाद बहुत देर तक उस प्लेन को देखती खड़ी रही और पापा की बात कान मे गूंजती रही की ये बड़ी ऑफिसर बनेगी और जरूर मम्मी को प्लेन मे घुमाएगी
मंगलवार, 16 अप्रैल 2013
एक बात पापा की बहुत अच्छी थी की वो हम बच्चों को बहुत कम डाँटते थे मुझे याद है जब हम चारों भाई बहन लड़ाई करने के बाद उनके पास शिकायत करने जाते थे तब वो कहते थे की एक के बाद एक अपनी बात कहो सबसे छोटी बहन पहले शुरू करती थी जब हम में से कोई बीच में बोलने की कोशिश करे तब पापा कहते थे की जब तुम्हारा नंबर आएगा तब कहना और जब तक हमारा नंबर आता तब तक सबका गुस्सा शांत हो चूका रहता और किसी दुसरे विषय पर बात चलने लगती थी पापा जज थे और कोर्ट में यही तरीका अपनाया जाता है दो एडवोकेट्स की लड़ाई रोकने के लिए की पहले एक अपनी बात पूरी करे फिर दुसरे की बात शुरू हो जिससे वादविवाद की नौबत नहीं आती ,उनकी ये बात मेरे काम करने में बहुत मददगार है .मेरी कोर्ट में वादविवाद बहुत कम होता है .
बुधवार, 3 अप्रैल 2013
पापा की सोच बहुत ही आशावादी थी एक बार छोटी बहन की चप्पल मंदिर से चोरी चली गयी हम दोनों बहुत दुखी हो गए की घर पर क्या कहेंगे डरते डरते जब घर पर बताया तब पापा ने हम दोनों को कहा की बस अब तुम्हारे सारे दुःख भगवन ने चोरी कर लिए मतलब दूर कर दिए अब सब अच्छा ही होगा और हुआ भी ऐसा ही छोटी बहन इंडियन टेलिकॉम सर्विस में चयनित हो गयी .बड़ी से बड़ी मुसीबत में भी पापा यही कहते की इशवर इच्छा से सब ठीक ही होगा .अपनी बेटियों पर पापा बहुत भरोसा करते थे मुझे याद है जब हमारा ट्रांसफर उमरिया से मंडला हुआ तब गर्ल्स कॉलेज में हिस्ट्री सब्जेक्ट नहीं था इसलिए मुझे ले कर पापा दूसरे कॉलेज गए वहां पता लगा की आर्ट्स में कोई लड़की नहीं है और करीब अस्सी नब्बे लड़के है मेरा तो डर के मारे दम ही निकल गया पर पापा ने प्रिंसिपल से कहा की मेरी बेटी बहुत बहादुर है वो जरूर पढेगी और मेरा एडमिशन करवा दिया और रोज मेरी हिम्मत बढ़ाते रहे इस कारण ही मै उस कॉलेज में तीन साल तक पढ़ सकी और उस अकेले पढने का असर ये हुआ की जिंदगी में बड़े से बड़े शहर यहाँ तक की लन्दन तक अकेले जाने की हिम्मत कर ली काश सब लड़कियों को ऐसे ही पापा मिलते तो हमारे भारत की तस्वीर ही कुछ और होती
एक मजेदार किस्सा
मेरी पोस्टिंग पहली बार छत्तीसगढ़ के शहर में हुई तब मुझे यहाँ की भाषा बिलकुल नहीं आती थी एक मजेदार किस्सा याद आ रहा है हमने वाइट वाश के लिए मजदूर बुलवाया उसने आ कर पुछा का ला का ला पोतने है मैंने बोला की अरे काला नहीं सफ़ेद पोतना है वो हैरानी से मुझे देखने लगा और फिर दोहराया की का ला का ला पोतने है मैंने उसको गुस्से में कहा की बोला न सफ़ेद पोतना है तभी मेरा चोकीदार जो सब सुन रहा था ने आ कर कहा की साहब ये पूछ रहा है की का ला मतलब कहाँ कहाँ पोतना है सुनते ही हंसी के मारे बुरा हाल हो गया इस तरह भाषा बदलने से मजेदार किस्से ने जनम लिया
मेरी पोस्टिंग पहली बार छत्तीसगढ़ के शहर में हुई तब मुझे यहाँ की भाषा बिलकुल नहीं आती थी एक मजेदार किस्सा याद आ रहा है हमने वाइट वाश के लिए मजदूर बुलवाया उसने आ कर पुछा का ला का ला पोतने है मैंने बोला की अरे काला नहीं सफ़ेद पोतना है वो हैरानी से मुझे देखने लगा और फिर दोहराया की का ला का ला पोतने है मैंने उसको गुस्से में कहा की बोला न सफ़ेद पोतना है तभी मेरा चोकीदार जो सब सुन रहा था ने आ कर कहा की साहब ये पूछ रहा है की का ला मतलब कहाँ कहाँ पोतना है सुनते ही हंसी के मारे बुरा हाल हो गया इस तरह भाषा बदलने से मजेदार किस्से ने जनम लिया
मंगलवार, 2 अप्रैल 2013
इसी तरह छोटी बहन की इच्छा गणित ले कर पढने की थी परन्तु मम्मी की इच्छा थी वो डॉक्टर बने बहन और मम्मी में रोज बहस होती थी परन्तु पापा ने मम्मी को समझाया और बहन को उसका मनपसन्द विषय लेने को कहा और वो इंजीनियरिंग कॉलेज में पढने लगी पढने के बाद उसके सारे दोस्त कही न कही जॉब करने लगे परन्तु बहन की इच्छा आई इ एस देने की थी उसने पापा को बोला की वो कम से कम एक बार अच्छे से पढ़ कर परीक्षा देना चाहती है पापा ने उसका साथ दिया और उसको घर रह कर पढने को बोला इस पर कई लोग फिर ताना देने से बाज नहीं आये की इंजीनियर बन कर भी बेकार बैठी है पापा ने उस समय भी बहन का साथ दिया और सबका मुंह बंद कर दिया बहन की मेहनत रंग लाई और वह भी आई इ एस में चयनित हो कर टेलीफोन विभाग में अधिकारी बन गयी ,बड़ी बहन भी अपनी इच्छा अनुसार जॉब कर रही है अब ये हाल है की सारे रिश्तेदार पापा मम्मी से कहते थे की आशीर्वाद दीजिये की हमारी लड़कियां भी आपकी बेटियों की तरह बने
एक साल होने को आ रहा है पापा को गए हुए ,जब भी बेटी बचाओ आन्दोलन देखती हूँ तो बचपन से ले कर अब तक की सारी बात याद आती है हम तीन बहन एक भाई है परन्तु कभी भी ऐसा महसूस नहीं हुआ की भाई को कोई विशेष प्यार मिल रहा हो और हम को कम, हम बहनों के जन्मदिन भी उतनी धूमधाम से मनाया जाता जैसा भाई का, एक किस्सा याद कर हंसी आती है मेरा जन्दीन ३०जुन को आता है और उस समय ३०जुन तक छुट्टी रहती थी और १ जुलाई से स्कूल खुलते थे मेरा जन्मदिन छुट्टी के दिन पड़ता था और सारे दोस्त बहर रहते थे मेरी जिद देख कर पापा ने कहा की तुम किसी भी दिन अपने दोस्तों को बुला लो और मेने ९अगस्त को अपना जन्मदिवस मनाना शुरू कर दिया और जब तक स्कूल में रही सरे दोस्तों को बुला कर बड़े उत्साह से जन्मदिन की पार्टी मानती रही आज भी ऐसे लोग है जो अपनी बेटियों के जन्मदिन नहीं मानते और पापा तीन बेटियां होने पर भी मेरी ख़ुशी के लिए कई साल अलग दिन भी पार्टी करते रहे .पापा ने कार चलाना भी पहले हम बहनों को सिखाया .कई रिश्तेदार इस बात पर नाराज रहते थे की पापा अपनी बेटियों को बहुत महत्व देते है पर पापा ने कभी परवाह नहीं की ऐसे कई अवसर आये जब लोगों ने उनका विरोध किया पर पापा ने हमेशा अपने बच्चों का साथ दिया मेने एल एल बी करने के बाद जब कोर्ट जाना चाहा तब पापा ने मेरा साथ दिया कई लोग घर पर ही नाराजगी जताने आ गए की लड़की को कोर्ट भेजोगे तो शादी में मुश्किल आयेगी पर पापा ने अपना फैसला नहीं बदला और मेरा साथ दिया .जब मेने जज बनने के लिए एक्साम देना चाहा तब उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया लिखित परीक्षा पास करने के बाद साक्षात्कार के बीच लोगो की बाते सुन सुन कर हिम्मत जबाब देने लगी थी एक दिन डरते डरते मेने पापा से कहा की पापा सब कहते है बिना पैसे दिए या अप्रोच किये चयन होना मुश्किल है तब पापा ने बोला की दरो मत बेटी हमारी अप्रोच सीधे भगवानसे है तुम्हारा चयन होना निश्चित है और हुआ भी यही की मेरा चयन हुआ और बहुत अच्छे नम्बरों से हुआ .
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