शुक्रवार, 26 जुलाई 2013




आज फिर एक बच्चे के रोड दुर्घटना में मरने  की  खबर पढ़ी तो फिर पुरानी बातें याद आने लगी जब मैं और मेरी छोटी बहन  लूना चलाते थे तब पापा ने हमको प्लग साफ़ करना ब्रेक टाइट करना सब सिखाया वो कहते थे की जब गाड़ी चला रहे हो तो सारी जानकारी खुद को होना चाहिए ,फिर हमने कार सीखने की जिद की तब पापा ने पहले कागज पेन ले कर हमको सारी बात समझाई की कार चलाते समय क्या क्या बात पर हमारा ध्यान होना चाहिए , कितनी स्पीड पर कौन सा गेयर  लगाना चाहिए ,चढ़ाई पर कौन सा और ढलान पर कौन सा गेयर लगाना चाहिए कब हेंड ब्रेक लगाना चाहिए ,जब सारी बाते समझा दी तब रोज मुझको और छोटी बहन को ले कर कार चलवाने जाते थे रोज रात को हमारा यही काम था की कार चलायें एक दिन कार अन्दर लाते समय कार की एक तरफ रगड़ खा गयी मैं बहुत डर गयी की अब पापा डांटेंगे क्यूंकि वो अपनी गाड़ियों को बहुत प्यार करते थे ,पर पापा ने समझाया की कार अन्दर ले जाते समय किस तरफ ज्यादा मोड़ना है पीछे करते समय कैसे मोड़ना है और मुझसे बार बार कार अन्दर बाहर करवाते रहे जब तक मुझे ठीक से अंदाज नहीं हो गया .फिर हम लोग जब कार सीख गए तब पापा ने स्टेशन जाते टाइम हम लोगो को ही बोलना शुरू किया की तुम लोग छोड़ कर आओ मम्मी टोकती थी की अरे इतनी रात को लड़कियां अकेली कैसे आएँगी तब पापा कहते थे की कार में आना है उनको और मेरी बेटियां बहुत बहादुर है .हम लोग उनको स्टेशन छोड़ कर कितनी भी रात हो अकेले आ जाते थे कार ख़राब होने का भी डर नहीं था क्यूंकि पंक्चर होने पर कैसे टायर बदलना है ये भी हमको सिखाया गया था .कुछ दिन पहले ही मैं और दीदी, जीजाजी के साथ बाजार गए थे वापसी में टायर पंक्चर हो गया जीजाजी उसी टाइम बीमारी से उठे थे तो मैंने और दीदी ने टायर बदल दिया .आज के माता पिता बच्चों की जिद पर उनको गाड़ी चलाने दे देते है पर किन बातों का ध्यान रखना है ये नहीं समझाते .मैंने एक बार पापा को कहा की पापा मुझे अभी तक कार चलाने में कॉन्फिडेंस नहीं आया है तब पापा बोले की बेटा मुझे पचास साल हो गए और कॉन्फिडेंस नहीं आया है और अच्छा है की डर कर चलो कम से कम सुरक्षा तो रहेगी क्यूंकि आप तेज चलो या धीरे मुश्किल से कुछ मिनट्स का फर्क पड़ता है इसलिए धीरे चलो और सुरक्षित चलो .पापा की एक बात और ध्यान देने वाली है पापा कहते थे जो अपने घोड़े की जितनी सेवा करेगा उसका घोडा भी उसको उतना सुख देगा इसलिए अपने घोड़े यानि की अपने वाहन की सेवा करो मतलब उसका ध्यान रखो तभी वाहन का सुख भी मिलेगा .